हम कोशिश करते रहे उनको अपने दिल मे बसाने की
पर उन्होने ज़िद ठान ली थी हमसे दूर जाने की
वो उम्र भर सोचते रहे के हम चाहते नहीं उनको
हम दलीलें ही देते रह गए, अपने मोहब्बत के पैमाने की
पर उन्होने ज़िद ठान ली थी हमसे दूर जाने की
वो उम्र भर सोचते रहे के हम चाहते नहीं उनको
हम दलीलें ही देते रह गए, अपने मोहब्बत के पैमाने की
बे-मतलब, बे-बात रूठते रहे वो,
और हम तरकीबें सोचते रहे उनको मनाने की
और हम तरकीबें सोचते रहे उनको मनाने की
भटकता रहा वो बेमकसद इधर-उधर
कोशिश ना की इक बार भी मेरे दिल के ओर आने की
हम खोये रह गए उनके ख्वाबों में
ख्वाबों की तो जात ही है टूट जाने की
सोनिया बहुखंडी गौड़
कोशिश ना की इक बार भी मेरे दिल के ओर आने की
हम खोये रह गए उनके ख्वाबों में
ख्वाबों की तो जात ही है टूट जाने की
सोनिया बहुखंडी गौड़
सोनिया जी बेहद खूबसूरती से लिखी है आपने ये खूबसूरत रचना वाह मज़ा आ गया पढ़कर.
ReplyDeleteबहत ही प्यारी रचना हृदय के भावों को व्यक्त करती | बहुत खूब |
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट-बोलती आँखें
बहुत प्यारी रचना
ReplyDeleteरूठना मानना.. बेमतलब का दुरी बन जाना... यही तो प्यार है...:)
ReplyDeleteप्यारी से खुबसूरत गजल:)
बहुत ख़ूबसूरत रचना..
ReplyDeleteKya baat hai dii...!!!
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत...
ReplyDeleteकोमल भाव लिए रचना...
ReplyDeleteमनभावन...
:-)
बहुत खूब ... :)
ReplyDeleteक्यूँ कि तस्वीरें भी बोलती है - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
भाव बहुत सुन्दर हैं , कुछ-एक पंक्तियाँ हैं जो वाकई बहुत सुन्दर बन पड़ी हैं |
ReplyDeleteसादर
सुन्दर रचना और बढ़िया अभिव्यक्ति।
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