यादें काला नाग बन गई,
डसने को बे-वक़्त चली आती है।
दिल जब भी टूटता है मेरा,
टीस आँखों मे नजर आती है।
तुम आज भी मुझको बेवफाई का ताज पहनाते हो,
यक़ीनन, तुम से बिछड़ के आज भी नींद नहीं आती है।
वक़्त हो चला जख्मों को भरे....
यादों की रूह जब भी आती है, जख्मों की सिलन उभर जाती है।
ख़्याल रो पड़ते हैं, जब जिक्र तुम्हारा आता है....
बेबसी की उफनती नदी मेरे आस-पास नजर आती है।
चलो तोड़ डाले दुनिया के बंधनो को...
जीने की तमन्ना तो बस तुममे ही नजर आती है।
सोनिया
डसने को बे-वक़्त चली आती है।
दिल जब भी टूटता है मेरा,
टीस आँखों मे नजर आती है।
तुम आज भी मुझको बेवफाई का ताज पहनाते हो,
यक़ीनन, तुम से बिछड़ के आज भी नींद नहीं आती है।
वक़्त हो चला जख्मों को भरे....
यादों की रूह जब भी आती है, जख्मों की सिलन उभर जाती है।
ख़्याल रो पड़ते हैं, जब जिक्र तुम्हारा आता है....
बेबसी की उफनती नदी मेरे आस-पास नजर आती है।
चलो तोड़ डाले दुनिया के बंधनो को...
जीने की तमन्ना तो बस तुममे ही नजर आती है।
सोनिया
Nice one Soniya........ bhut dard ha appki rachna mae........ Dil ko chu liya..... Atti Sunder.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया...सोनिया..
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteमुझ से मत जलो - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !
मन के द्वंद्व को बखूबी लिखा है
ReplyDeleteगहरी अभिव्यक्ति
ReplyDeleteगहन भाव लिए बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सोनिया....
ReplyDeleteअनु
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteदिल को छूती रचना...
:-)
सुन्दर कविता ,काबिले तारीफ ।
ReplyDeleteमेरी नयी पोस्ट -"क्या आप इंटरनेट पर ऐसे मशहूर होना चाहते है?" को अवश्य देखे ।धन्यवाद ।
मेरे ब्लॉग का पता है - HARSHPRACHAR.BLOGSPOT.COM
बुरांस के फूल तो बहुत सुन्दर लगाए हैं. कविता भी सुन्दर है.
ReplyDeleteघुघूतीबासूती
बहुत खूब ... दिल को छू के गुज़र जाती है रचना ...
ReplyDeleteजीने की तमन्ना तुम में नजर आती है...:)
ReplyDeleteबहुत प्यारी... दिल से कही हुई रचना..
आभार...
सोनिया जी, बहुत खूबसूरत रचना.
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया.... आप सभी के कमेंट मुझे आगे बढ्ने के लिए प्रेरित करते हैं अपना स्नेह सदा यूं ही बनाए रखे। ताकि मेरी लेखनी यूं ही चलती रहे।
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