ब्लॉग मे किसी की निंदा करना क्या उचित है। और खुद को मार्क्सवादी कहने वाले ये कार्य करते हैं। बहुत घ्राणित बात है ये। मैं इसे बस इतना समझती हूँ की स्वयं की और पब्लिक का ध्यान चाहते हैं। भई अच्छे काम करें पब्लिक तब आपके साथ रहेगी। घुसपैठ क्यूँ कर रहे हैं। मैं इस बात को स्वीकार करती हूँ की ब्लॉग मे मेरी कोई रुचि नहीं थी। ब्लॉग को बनवाया गया उसके लिए शुक्रिया कह चुकी हूँ कई बार। पर सर पर नाच करवाने का मेरा कोई ख्याल नहीं है। भविस्व के लिए सचेत हो गई हूँ। जिनके लिए ये महापुरुष बार-बार तंत्र शब्द का प्रयोग कर रहे हैं उन्होने तो मुझसे आज तक इनके लिए कुछ नहीं कहा। यही अपनी ढपली अपना राग सुना रहे हैं। प्रभु यदि आप धरती के प्रभु हैं तो आप अपने ख्याल मे जिंदा रहें। मेरे श्री राम अभी हैं जिंका हांथ मेरे सर पर सदैव बना हुआ है। आइंदा से मेरा नाम पब्लिक मे लाने की जरूरत नहीं है। और हैं ठोक के कह रही हूँ आप मेरा जो बन पड़े बिगड़ लें। मैं रश्मि जी नहीं हूँ जो विनम्रता से सुने जा रही हैं। अपनी ब्लॉग के दुनिया आपको मुबारक। मैं वास्तविकता मे जीने वाली युवती हूँ। मैं आपको अपने ब्लॉग मे शिरकत के लिए नहीं बुला रही हूँ। ये खड़ी चेतावनी है। मेरा नाम बीच मे ना लाएँ। आपको पिता का दर्जा दिया गलत किया। आज आपको पता चल गया होगा की प्रभु ने भी आपको बेटी क्यूँ नहीं दी।
shukriya rajesh kumari jee
ReplyDeleteसच कहा... किसी के साथ चाट या ईमेल पर की गयी बात वो भी कोई ऐसी बात नहीं थी जो गलत थी फिर भी उनको बिना पूछे ब्लॉग पर शेयर करना बहुत गैर वाजिब है...
ReplyDeleteअब तो मैं माँ हूँ न ... युवा वर्ग के इस आग को मेरा प्यार . मेरी बेटी जैसी हो - यही मेरी मुस्कान है
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