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Saturday, 8 December 2012

मेरा मुकदर उनके लिए ही बनाया होगा

लोगों ने यूंही हल्ला ना मचाया होगा
कोई तो है जो दिल मे आया होगा!


उनके आने से अंधेरे मे चराग जल उठते
यूंही तो न शहर जगमगाया होगा


मुस्कराहट से उनकी गुलशन मे शगूफ़े खिलते

फूलों को भी उनपर प्यार आया होगा

खुशियाँ छा गई उनके आने से
मेरा दिल भी किस्मत पर इतराया होगा

ए ख़ुदा ! ये साथ छूटे ना अब कभी
यकी हैं तूने मेरा मुकदर उनके लिए ही बनाया होगा

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