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Saturday, 8 December 2012

तुम कौन हो जो बेधड़क

तुम कौन हो जो बेधड़क
दिल मे चले आते मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे
जब जिक्र होता है तेरा

अहसास खिल जाते मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे


तुम प्रीत की बरखा बने
आँगन मे आ-टिप-टिप बरस जाते मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे

बन जाओ तुम,चंदन सजन
स्पर्श से अपने,अंग-अंग को महका दे मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे।

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