तुम कौन हो जो बेधड़क
दिल मे चले आते मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे
जब जिक्र होता है तेरा
दिल मे चले आते मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे
जब जिक्र होता है तेरा
अहसास खिल जाते मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे
तुम प्रीत की बरखा बने
आँगन मे आ-टिप-टिप बरस जाते मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे
बन जाओ तुम,चंदन सजन
स्पर्श से अपने,अंग-अंग को महका दे मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे।
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे
तुम प्रीत की बरखा बने
आँगन मे आ-टिप-टिप बरस जाते मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे
बन जाओ तुम,चंदन सजन
स्पर्श से अपने,अंग-अंग को महका दे मेरे
अब सुबह हो या सांझ हो
सपने तो बस आते तेरे।
No comments:
Post a Comment