नींद ने टुकड़ों-टुकड़ों मे आना शुरू कर दिया
जब से आपने ख्वाबो मे कदम धर दिया
अब हालात संभाले नहीं संभलते
हमने आपका नाम छुपाना शुरू कर दिया
हाल-ए-दिल बयां नहीं कर पाते हैं
बेचैन तुम भी हो बेचैन मैं भी
इस बेचैनी को हमने दिल मे भर दिया
एक दिन जरूर आएगा बेबसी का तूफा
हमने किनारों का इंतजाम पहले से ही कर दिया
मर्जी तुम्हारी की तुम आओ ना आओ
हमने ज़िंदगी को तुम्हारे नाम कर दिया
जब से आपने ख्वाबो मे कदम धर दिया
अब हालात संभाले नहीं संभलते
हमने आपका नाम छुपाना शुरू कर दिया
हाल-ए-दिल बयां नहीं कर पाते हैं
इसी बहाने गजल बनाना शुरू कर दिया
बेचैन तुम भी हो बेचैन मैं भी
इस बेचैनी को हमने दिल मे भर दिया
एक दिन जरूर आएगा बेबसी का तूफा
हमने किनारों का इंतजाम पहले से ही कर दिया
मर्जी तुम्हारी की तुम आओ ना आओ
हमने ज़िंदगी को तुम्हारे नाम कर दिया
बहुत अच्छा काम किया.......
ReplyDelete:-)
सुन्दर!!!
सस्नेह
अनु
सुंदर प्रेम सन्देश कविता में.
ReplyDeleteबधाई सोनिया जी.
वाह|||
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना...
मनभावन...
:-)
वाह सोनिया जी वाह क्या बात सुन्दर उम्दा रचना
ReplyDeleteअरुन शर्मा
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सुंदर समर्पण भाव ....और सुंदर संगीत भी .......मन कुछ ठहर सा गया इस खूबसूरत समा में....
ReplyDeletehttp://www.parikalpnaa.com/2012/12/blog-post_6176.html
ReplyDeleteहाल-ए-दिल बयां नहीं कर पाते ,
ReplyDeleteइसीलिए गजल बनाना शुरू कर दिया |
ज्यादातर परिस्थितियों में यही होता है :)
सादर