तेरी यादें समुन्दर सी
मेरे जीवन में आती हैं,
उसकी लहरें मेरा जीवन,
इन्तशार कर जाती हैं..
करूँ पुरजोर कोशिश मैं...
...भुला दूँगी सनम तुझको
मगर सूखे जखम सी हैं
हरी ये हो ही जाती है...
तेरी यादें समुन्दर सी
मेरे जीवन में आती हैं,
अगर अब मौत भी आये,
तेरे आगोश में आये...
मगर मुझको खबर है..
आरजू ये बेमानी है
ये जीवन तो मेरे दिलबर
मुझे हर पल सताएगा
हकीकत तो यही है की
मौत इक पल में आनी है
तेरी यादें समुन्दर सी
मेरे जीवन में आती हैं,
(सोनिया बहुखंडी गौड़ )
मेरे जीवन में आती हैं,
उसकी लहरें मेरा जीवन,
इन्तशार कर जाती हैं..
करूँ पुरजोर कोशिश मैं...
...भुला दूँगी सनम तुझको
मगर सूखे जखम सी हैं
हरी ये हो ही जाती है...
तेरी यादें समुन्दर सी
मेरे जीवन में आती हैं,
अगर अब मौत भी आये,
तेरे आगोश में आये...
मगर मुझको खबर है..
आरजू ये बेमानी है
ये जीवन तो मेरे दिलबर
मुझे हर पल सताएगा
हकीकत तो यही है की
मौत इक पल में आनी है
तेरी यादें समुन्दर सी
मेरे जीवन में आती हैं,
(सोनिया बहुखंडी गौड़ )
वाह: सोनिया बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteतेरी यादें समुन्दर सी
ReplyDeleteमेरे जीवन में आती हैं.
बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रतिवेदन.
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteअनु
एहसास बहुत खूबसूरती से लिखे हैं
ReplyDeleteएहसास के स्वर
ReplyDeleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteआपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है क्रोध की ऊर्जा का रूपांतरण - ब्लॉग बुलेटिन के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
bhula dungi sanam tujhko...'
ReplyDeletemagar sookhe jakhm si hain
hari ye ho hi jati hain.
dil ko gahrayi se chhoo jane wala dard hai....jis par beetTa he vahi likh sakta hai.
bahut sunder.
एहसासों को अपने शब्द देकर जिवंत कर दिया आपने.....
ReplyDeleteHi great readinng your post
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