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Saturday 26 January 2013

जन-गण चलो मन से एक गान गायें.


ये संविधान गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए सजा है
गौर से देखो अमीरों की बस्ती मे ये एक मजा है।

एक औरत की आबरू कैसे बचे?,इसका कोई अनुच्छेद नहीं!!!
दोषियों को बचा लेने पर न्यायधीश को कोई खेद नहीं....

प्रस्तावना तो बस नाम की कुंजी है....
जिधर हक की लड़ाई मे उम्मीदें हमारी भूँजी हैं

ये गणतन्त्र दिवस मनाने की सज़ा बहुत बड़ी है....
लालची नेताओं की जीभ श्वान से बड़ी है.....

जन-गण चलो मन से एक गान गायें......
ये संविधान सही नहीं,चलो एक नया संविधान बनायें।
सोनिया
 

3 comments:

  1. गणतंत्र दिवस २६/०१/२०१३ विशेष ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सब को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. बहुत बढि़या..गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई..

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  3. सही बात. बेहतरीन रचना...
    गणतंत्र दिवस शुभकामनाएँ....
    :-)

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