आगमन से प्रिये तुम्हारे!!
ध्वान्त जीवन.. उज्जवल हुआ
दुष्ट पीड़ा को विसर्जित
आज गंगा में किया,
आज ही फूटा हृदय में
प्रेम पल्लव प्रिये तेरा,
अश्रुओं से तोड़ नाता,
प्रेम से आँचल भरा
मेघ-बंधन से छुड़ा कर वृष्टि को ,
स्नेह की बरखा में भींगे प्रिये चलो.......
एक ही आँखों से देखें स्वप्न भी
"प्रेम उपवन" में बनाये घर नया!
और कष्टों को कुंवारा छोड़कर
पकड़ लेते हैं सुखों का रास्ता
आगमन से प्रिये तुम्हारे!!
ध्वान्त जीवन..उज्जवल हुआ (सोनिया बहुखंडी गौर)
ध्वान्त जीवन.. उज्जवल हुआ
दुष्ट पीड़ा को विसर्जित
आज गंगा में किया,
आज ही फूटा हृदय में
प्रेम पल्लव प्रिये तेरा,
अश्रुओं से तोड़ नाता,
प्रेम से आँचल भरा
मेघ-बंधन से छुड़ा कर वृष्टि को ,
स्नेह की बरखा में भींगे प्रिये चलो.......
एक ही आँखों से देखें स्वप्न भी
"प्रेम उपवन" में बनाये घर नया!
और कष्टों को कुंवारा छोड़कर
पकड़ लेते हैं सुखों का रास्ता
आगमन से प्रिये तुम्हारे!!
ध्वान्त जीवन..उज्जवल हुआ (सोनिया बहुखंडी गौर)
प्रेमभाव की अनूठी अभिव्यक्ति. सुंदर सृजन.
ReplyDeletedhnayawad bharat bhushan jee
Deleteवाह .... बहुत सुंदर .... ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है
ReplyDeleteसंगीता जी... पंक्तियों को सराहने के लिए आभार...
Deleteप्रेमभाव की बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति..... ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है..
ReplyDeleteमहेश्वरी कानेरी जी... पंक्तियों को सराहने के लिए आभार...
Deleteप्रेम भाव में पगी सुन्दर रचना उत्तराखंड की तो खुशबू भी कुछ लिखने को प्रेरित कर देती है स्वागत है आपका मैं भी देहरादून में रहती हूँ
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार राजेश कुमारी जी.... मैंने भी कुछ वर्ष देहरादून में बिताएं हैं.... आज भी वहां की यादें मेरे मन में समाई हुई हैं ।
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत खूब दीदी !
ReplyDeleteसादर
आभार छोटे भाई.... हमेशा खुश रहो
Deleteआन्तरिक भावों के सहज प्रवाहमय सुन्दर रचना....
ReplyDeleteएक मोहक रचना.
ReplyDeleteBAHUT ACHHA
ReplyDeleteबहुत प्यारी रसभरी प्रस्तुति।
ReplyDeletethanks vandana jee
Deleteआपकी अभी तक तीन कवितायें पढ़ीं हैं , ये सबसे अच्छी लगी और सबसे खास बात आपका तस्वीर का चुनाव बहुत सुन्दर है | यहाँ आप कोई भे साधारण प्रेमी-प्रेमिका की तस्वीर लगा सकती थीं लेकिन आपने उनकी तस्वीर लगाई है जो प्रेम की उच्चतम पराकाष्ठा हैं |
ReplyDeleteसादर
मेरा कमेन्ट शायद स्पैम में चला गया | :(
ReplyDelete:)
marathi bhashame maine aiisi kavita aajtak nahin padhi
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