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Thursday 19 April 2018

निर्वासन के बाद

मेरा बेटा अक्सर पिता को पुकारता है
मैं उसे हंसिये जैसा धारधार चाँद दिखाती हूँ

चाँद की परछाई मुझ पर पड़ती है
दर्द के नीले निशान उभर आते हैं

चाँद एक पुरुष है
जो कर्कश आवाज में बोलता है
निकलो आसमानी घर से

हंसिये की खरोच से
घायल हैं मेरी हथेलियाँ
मेरा बेटा  चाँद नहीं देखता

धरती में टंके सितारे देखता है
जो मैंने काढ़े हैं
अब वो माँ पुकारता है

4 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, ज़िन्दगी का हिसाब “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. बहुत बढ़िया

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  3. bahut sundar blog aur rachnaye.bahut achha laga.likhte rahiyega.

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  4. वाह ! बड़ी ही सुन्दर पोस्ट लिखी है आपने सच में। सूंदर पोस्ट लिखने के लिए आपका धन्यवाद और मैं इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर रहा हु। धन्यवाद ! Read Our Blog: "What Do U Do Meaning in Hindi" "What Meaning in Hindi"

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