Popular Posts

Tuesday, 27 December 2016

भगौड़ा प्रेमी और तुम

हम मिलेंगे जब,
मेरे प्रेमी " अन्धकार " को
तुम परास्त करोगे।

हम तमाम मुद्दों से ऊपर उठेंगे
स्त्री विमर्श और पुरुष मानसिकता के.....

शहर बंद होगा, खौलता सूरज समुद्र में डुबकी लगायेगा
फिरंगी सैलानियों की तरह,
संकोच की वर्जना टूटेगी।

पहाड़ों की संदूकची खुली रह जायेगी,
रुई के फाहे उड़ेंगे शीत में।
मैं ठंडा सुफेद रंग बन जाउंगी।

तुम इस वीरान शहर के
जिद्दी सागर की क़ैद से जमानत लेना।

रुई के फाहे जलने लगेंगे
और दमक के कुंदन बन जायेंगे,
जब हम मिलेंगे........
और मेरा प्रेमी भगोड़ा करार दिया जायेगा।
सोनिया बहुखंडी

No comments:

Post a Comment